आज देखा जाएगा माहे मुहर्रम का चांद
गोरखपुर। माहे मुहर्रम का चांद शनिवार 6 जुलाई की शाम में देखा जाएगा। चांद नज़र आ गया तो माहे मुहर्रम रविवार 7 जुलाई से शुरू हो जाएगा और 10वीं मुहर्रम (यौमे आशूरा) मंगलवार 16 जुलाई को पड़ेगी। चांद नहीं दिखा तो माहे मुहर्रम सोमवार 8 जुलाई से शुरू होगा और यौमे आशूरा बुधवार 17 जुलाई को पड़ेगी। माहे मुहर्रम का चांद दिखते ही नये इस्लामी साल का आगाज़ होगा। इसी के साथ 1446 हिजरी शुरू हो जाएगी। हिजरी सन् का आगाज माहे मुहर्रम से ही होता है। मुहर्रम की दस तारीख को पैग़बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों को जालिमों ने शहीद कर दिया था। मुहर्रम में उस अज़ीम कुर्बानी को शिद्दत से याद कर अकीदत का नज़राना पेश किया जाता है।
अमनो अमान कायम रखने में मददगार बनें : मुफ्ती अख़्तर
मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हुसैन व उनके साथियों ने बेमिसाल कुर्बानी पेश की। मुहर्रम हमें सब्र का पैग़ाम देता है। शरीअत के दायरे में रह कर इसाले सवाब करें। एक दूसरे की मदद करें। कर्बला के शहीदों की याद में कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी करें। गरीबों व फकीरों की हाजत पूरी करें, उनको खिलाना पिलाना सवाब है। पौधा रोपण करें। पर्यावरण को हरा भरा करें। कर्बला के शहीदों की याद में महफ़िल का एहतमाम करें। नेकी की दावत आम करें। अमनो शांति कायम रखने में प्रशासन की मदद करें।
हज़रत उमर ने हमेशा ग़रीबों वंचितों की सेवा की : मुफ्ती मेराज
हज़रत उमर ने हमेशा ग़रीबों वंचितों की सेवा की : मुफ्ती मेराज गोरखपुर। दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मुसलमानों के दूसरे ख़लीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना उमर रदियल्लाहु अन्हु की याद में काजी साहब की मस्जिद इस्माइलपुर में साप्ताहिक सभा (इज्तिमा) हुई। क़ुरआन -ए-पाक की तिलावत इब्राहीम अत्तारी ने की। नात-ए-पाक अर्जान अत्तारी […]