खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में हुआ नाटक और नृत्य का समागम
गोरखपुर । मंडल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी के तेरहवें दिन सांस्कृतिक संध्या सबरंग में नव्य इंडिया इंटरटेनमेंट के संयोजन में नाटक और नृत्य का समागम हुआ। श्रोता और दर्शक नाटक से जहां ठहाके लगाते रहे, वही नृत्य से भाव विभोर होते रहे।
उद्घोषक नवीन पांडेय ने सांस्कृतिक संध्या में सबसे पहले नाट्य दल गोरखपुर को आवाज दी तो दल के कलाकारों ने नाटक-जब जागो तभी सवेरा प्रस्तुत किया। नाटक की शुरुआत में यमलोक का दरबार सजा दिखाई देता है जहां यमराज काफी चिंतित नजर आ रहे हैं कि पृथ्वी लोक से असमय मृत्यु पाकर लोग यमलोक आ रहे हैं और यहां इतनी संख्या अधिक हो गई है कि आत्माओं को रहने की जगह भी भविष्य में कम पड़ जाएगी। इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए दो यमदूत चंड व मुंड को पृथ्वी लोक पर अवलोकन करने के लिए भेजते हैं जिसकी मुलाकात एक लकड़हारे से होती है जो पेड़ काटता है जिसे यमदूत देखकर उसे समझाते हैं कि पेड़ काट दोगे तो आक्सीजन की कमी हो जाएगी और तुम सभी असमय मृत्यु का कारण बन जाओगे। इस पर लकड़हारा समझ जाता है। आगे एक व्यक्ति खुले में शौच करने के लिए जाता है खुले शौच से हो रहे नुकसान के बारे में यमदूत उस व्यक्ति को समझाता है। आगे एक व्यक्ति नशे में घर आता है और पूरे नशे में चूर है, पत्नी इसकी हरकतों से परेशान रहती है और ओ अपने पति जंजाली से कहती है कि बच्चों का इतना जंजाल आपने फैला दिया 5-6 बच्चे हैं और आप इस कदर नशे में घर आते हैं, कभी ये पता करते हैं कि घर में खाने पहनने के लिए है कि नहीं। यही हाल अगर आपका रहा तो मैं मायके चली जा रही हूं । जंजाली कहता है चली जाओ और सो जाता है सोने में सपने देखता है कि दो दूत आते हैं और जंजाली को अपने साथ ले जाने की बात करते हैं कि तुम अपने पत्नी को मारते हो बहुत ज्यादा बच्चे पैदा किए हो खुद नशे में रहते हो उनके खाने-पीने की चिंता नहीं करते हो इसलिए तुमको साथ में ले आने के लिए यम महाराज ने हमें आदेश दिया है। अब तुम्हें वहां ले जाकर तेल में तलेंगे और हम सभी लोग तुम्हारा भक्षण करेंगे। इससे जंजाली डर जाता है और नशे से दूर रहने का कसम खाता है और इसके लिए कान पकड़ कर उठक बैठक करता है तब तक उसकी पत्नी आ जाती है और एहसास दिलाती है कि यह सारा कुछ आप सपने में कर रहे हैं। लेकिन वहीं अपनी पत्नी को स्पष्ट करता है कि अब आज के बाद से हम नशा नहीं करेंगे और जो भी पैसा कमाएंगे हम अपने परिवार में बच्चों में खर्च करेंगे ।
नाटक में यमराज की भूमिका में विनोद चंद्रेश, नर्तकी की भूमिका में कोमल, दूत चंड की भूमिका में ईश्वर राव, दूत मुंड की भूमिका में प्रियांशु गौड़, सिकरेट्री की भूमिका में पूनम, जंजाली की भूमिका में देशबंधु,जंजाली की पत्नी की भूमिका में प्रियंका शर्मा, ग्रामीण की भूमिका में प्रदीप सिंह, लकड़हारा की भूमिका में देशवन्धु व अनीस वारसी, जंजाली की लड़की की भूमिका में आस्था ने सशक्त भूमिका निभाई।
मेकअप जमील अहमद ने किया जबकि नाटक का निर्देशन एवं लेखन गुलाम हसन खान ने किया। नाटक जब जागो तभी सवेरा के बाद बारी आई डीआईडी ग्रुप की। कोरियोग्राफर संदीप पाण्डेय के निर्देशन में प्रतिभागियों ने गणेश वंदना,सरस्वती वंदना, देश भक्ति, विनाशक रिद्धि सिद्धि, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, हमरी अटरिया पर आजा रे सांवरिया, आरंभ है प्रचंड तू, दुपट्टा मेरा, राधा कैसे न जले जैसे गीतों के अलावा हरियाणवी व राजस्थानी गीतों पर लोक एवं शास्त्रीय नृत्य रानी भारती, आर्यन भारती, अनिकेत भारती, पलक शर्मा, अदिती साहनी, मुस्कान पटवा, आराध्या श्रीवास्तव, एंजेल पांडे, अभिषेक भारद्वाज, रोहन भारती शिवम गुप्ता ने प्रस्तुत कर सांस्कृतिक संध्या को यादगार बनाया। सबरंग का संचालन नवीन पांडेय ने किया। परिक्षेत्रीय खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, ए0के0 पाल ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रदर्शनी के बारह दिनों मे कुल 01.03 करोड़ की बिक्री हो चुकी है। कार्यक्रम में अरूणेश कुमार पाण्डेय, विजय कुमार, मार्कण्डेय सिंह, शिवेन्द्र सिंह, आरिफ, पूनम त्रिपाठी समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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