एनसीएलटी ने सिद्धार्थ बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड के दो प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए 800 से अधिक खरीदारों को मकान मिलने का रास्ता साफ कर दिया है।
गुरुग्राम में अपने खुद के घर का सपना देख रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने सिद्धार्थ बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड के दो प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए 800 से अधिक खरीदारों को मकान मिलने का रास्ता साफ कर दिया है। एनसीएलटी ने खरीदारों को मकान दिलाने के लिए एक परियोजना निगरानी समिति गठित की है।
इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की निगरानी करेंगे। वहीं, कंपनी के प्रमोटर सिद्धार्थ चौहान ने आवसीय परियोजना सिद्धार्थ एनसीआर वन/ग्रीन्स के खरीदारों को छह माह और सिद्धार्थ एस्टेला के खरीदारों को 12 महीने के अंदर मकानों का कब्जा देने की प्रतिबद्धता जताई है। नौ साल से प्रोजेक्ट बंद पड़ा है। सिद्धार्थ बिल्डहोम ने वर्ष 2010 में सिद्धार्थ एनसीआर वन/ग्रीन्स नाम से वर्ष 2011 में सेक्टर-103 में सिद्धार्थ एस्टेला आवासीय परियोजना की लॉन्च की थी। वहीं, सेक्टर-95 में एनसीआर वन/ग्रीन्स को वर्ष 2014 पूरा करने और एस्टेला प्रोजेक्ट को वर्ष 2015 में पूरा करके खरीदारों को पजेशन देना था, लेकिन दोनों परियोजनाएं वर्ष 2014 से ठप हैं। खरीदार फ्लैट की कीमत का 95 से अधिक तक का भुगतान कर चुके थे। 800 से अधिक खरीदारों गाढ़ी कमाई अटकी गई।
कोई समाधान नहीं दिखा तो खरीदारों ने ईओडब्ल्यू, एनसीडीआरसी, हरेरा के दरवाजे खटखटाए, लेकिन राहत नहीं मिल सकी। फिर मामला एनसीएलटी पहुंचा। 4 मार्च 2021 को सिद्धार्थ बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों द्वारा प्रस्तुत निकासी योजना को मंजूरी दे दी। मेसर्स सिद्धार्थ बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड 24 मई 2023 को घर खरीदारों के एक बड़े बहुमत ने बिल्डरों के पक्ष में निकासी योजना के लिए मतदान किया। अब एनसीएलटी कोर्ट का फैसला आने के बाद लोगों को आशियाना मिलने की उम्मीद जगी।
खरीदार बोले, फैसला ऐतिहासिक : दोनों परियोजनाओं के खरीदारों में भी खुशी की लहर है। उनको घर मिलने की उम्मीद जगी है। खरीदार मित कुमार लाल ने कहा कि एनसीएलटी ने, जो ऐतिहासिक फैसला दिया है, उससे हम लोग उत्साहित हैं। आशा करते हैं कि जिस घर के लिए हम 12-13 वर्षों से इंतजार कर रहे थे, वह जल्दी ही मिल जाएगा। वहीं सिद्धार्थ एनसीआर वन/ग्रीन्स के खरीदार निधि सिंह ने कहा कि 12 साल हो गए, अपने का घर इंतजार करते हुए। अब एनसीएलटी का फैसला आने से उम्मीद है कि जल्दी ही हमें हमारा घर मिल जाएगा।
24 घंटे प्रोजेक्ट पर काम करेगा बिल्डर
एनसीएलटी के फैसले के बाद पूर्व-प्रमोटरों ने योजना के अनुमोदन की पूर्व शर्त के रूप में 15 करोड़ का फंड देने के साथ ही खरीदारों को मकान देने के लिए 24 घंटे काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। बिल्डर कंपनी के सीओओ कृशन बजोरिया ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर-95 के सिद्धार्थ एनसीआर वन/ग्रीन्स का वर्ष 2010 में लांच किया था। 10.71 एकड़ भूमि पर फैली परियेाजना में कुल 10 टावर बनने हैं। कुल 555 फ्लैटों में से 392 फ्लैट फेज 2 के 5 टावर है। वहीं सेक्टर-103 के सिद्धार्थ एस्टेला की लांचिंग 2011 में की थी। जिसे 2015 तक पूरा किया जाना था। यह 15.74 एकड़ जमीन पर परियोजना के कुल 16 टावर में से 8 टावर अटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों परियोजनाओं का बड़ा हिस्सा तैयार है। अब निर्धारित समय पर खरीदारों को उनके मकानों का कब्जा भी सौंप दिया जाएगा।
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