डाबरा समाचार 24
गोरखपुर। 29 अप्रैल राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में देश के सभी कर्मचारी संगठन 1 मई को संसद भवन के सामने पुरानी पेंशन बहाली का बिगुल फूकेंगे, यह बात राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने परिषद के कैंप कार्यालय पर 01 मई को दिल्ली में होने वाली रैली के तैयारी बैठक में कहा। उन्होंने बताया कि देश के कर्मचारियों के सामने अब करो या मरो की स्थिति है, क्योंकि 2024 का चुनाव आने वाला है और देश के कर्मचारियों ने यह निर्णय लिया है कि जो पार्टी पुरानी पेंशन बहाली का वायदा करेगी वही इस देश के तख्तो ताज पर विराजमान होगी।
परिषद के मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के पेट की रोटी से जुड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन को बहाल करें अन्यथा 1 मई को यह तय होगा की पुरानी पेंशन नहीं तो वोट नहीं और देश के करोड़ों कर्मचारी अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ एकमुश्त उस पार्टी के साथ जाएंगे जो पुरानी पेंशन बहाल करेगी।
परिषद के उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ला ने कहा की पुरानी पेंशन आज देश का सबसे गंभीर मुद्दा बन चुका है एक तरफ जहां विपक्ष इसे हथियाने की कोशिश में है वहीं सत्तापक्ष की उदासीनता आने वाले 2024 के चुनाव में कही उसके हार का कारण न बन जाए। उन्होंने बताया कि गोरखपुर से भी भारी संख्या में कर्मचारी 1 मई को दिल्ली के लिए कूच करेंगे, और अपने मौलिक अधिकार पुरानी पेंशन को लेकर ही रहेंगे।
अपने सम्बोधन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि जब सरकार में बैठे लोग अपने लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था जारी रखे हुए हैं तो हम कर्मचारियों को उससे वंचित क्यों रखा है। अब कर्मचारी अपने साथ सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगा और 1 मई को संसद भवन पर मार्च कर पुरानी पेंशन बहाल कराएगा।
इस अवसर पर गोविंद श्रीवास्तव, वरुण वर्मा बैरागी, कनिष्क गुप्ता, बंटी श्रीवास्तव, अनूप कुमार, प्रभुदयाल सिन्हा, इजहार अली, महेंद्र चौहान, अशोक पांडेय,रमेश भारती, राम मिलन पासवान, अजय सोनकर, ओंकार नाथ राय, फुलई पासवान यशवीर श्रीवास्तव, पृथ्वीनाथ गुप्ता, राजकुमार सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे।
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गोला गोरखपुर बताते चले कि जहां एक तरफ भीषण गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था तो वहीं दूसरी तरफ बदलते मौसम के मिजाज ने आम जनमानस को इस गर्मी से थोड़ी राहत प्रदान की है बदलते हुए मौसम में तेज धूल भरी अँधिया बूंदा बांदी के वजह से मौसम के मिजाज में […]