रमज़ान का पूरा रोज़ा रखने वाले 24 नन्हे रोजेदारों को एक साथ मिला इनाम
गोरखपुर। माह-ए-रमजान में रोज़ा रखने व इबादत करने में छोटे बच्चे भी बड़ों से कम नहीं हैं। अल्लाह की रज़ा के लिए तेज धूप में करीब चौदह घंटे भूखा प्यासा रहना नन्हें रोजेदारों के आत्मविश्वास को प्रदर्शित कर रहा है। कुछ ऐसा ही जज्बा मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में दीनी शिक्षा हासिल कर रहे नन्हें रोजेदार बच्चों ने पेश किया है। छह से तेरह साल के 24 रोजेदार बच्चों ने इस रमज़ानुल मुबारक का एक भी रोज़ा नहीं छोड़ा है। इन नन्हें रोजेदारों की हौसला-अफजाई के लिए सोमवार को मकतब में महफ़िल हुई। जिसमें नन्हें रोजेदार अकमल, बेलाल, नूर सबा, फिजा, आयशा फातिमा, सना खान, हिफ्जा करीम, यासिर अली, फातिमा खातून, सरताज रजा, अफीना, फलक, फरहान, अल्फी, आयशा, आरिफ, शम्स, शिफा, खुशी, अल्फिया, उमरा खान व अलहम खान को इनाम में तोहफा देकर सम्मानित किया गया। अंत में सलातो सलाम पढ़कर पूरी दुनिया में अमन-चैन की दुआ मांगी गई। महफ़िल में मुफ़्ती मो. अज़हर शम्सी, एफबी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल मोहम्मद आज़म, हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी, हाफिज सैफ अली, हाफिज अशरफ रज़ा, मौलाना दानिश रज़ा अशरफी, मेराज, रेहान, रहमत अली समेत मकतब के बच्चे मौजूद रहे।
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आज देखा जाएगा ईद का चांद, इबादत में बीता 28वां रोज़ा
गोरखपुर। जहन्नम से आजादी का अशरा चल रहा है। ईद आने वाली है। नमाज़, रोज़ा, तिलावत व नेक कामों के जरिए अल्लाह की इबादत की जा रही है। सोमवार को 28वां रोज़ा अल्लाह व रसूल की याद में गुजरा। खूब रो-रो कर दुआ मांगी जा रही है। तरावीह की नमाज़ जारी है। रोजेदार एतिकाफ में मश्गूल हैं। शबे कद्र की अंतिम (29वीं) ताक रात में खूब इबादत हुई।
वहीं इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग मंगलवार को 29वां रोज़ा मुकम्मल करके ईद का चांद (शव्वाल माह) देखेंगे। अगर चांद नज़र आ गया तो बुधवार 10 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। अगर चांद नहीं दिखा तो गुरुवार 11 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की ओर से ईद के चांद की तस्दीक के लिए उलमा किराम की चांद कमेटी गठित है। मंगलवार को शाम के समय कमेटी के सदस्य दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद नार्मल पर मौजूद रहेंगे। चांद देखने का मुकम्मल इंतजाम रहेगा। अवाम से गुजारिश की गई है कि जो लोग चांद देखें वह दरगाह पर संपर्क करें। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की ओर से ईद के चांद का ऐलान किया जाएगा।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने बताया कि ईद के दिन के चंद आदाब ये हैं – मिस्वाक करना। गुस्ल करना। साफ सुथरा लिबास पहनना। अगर नया मयस्सर हो तो नया लिबास पहनना। खुश्बू लगाना। नमाज़े ईद से पहले सदका-ए-फित्र अदा करना। अगर मुमकिन हो तो पैदल ईदगाह जाना। एक रास्ते से जाना दूसरे से वापिस आना। ईदगाह जाने से पहले ताक अदद खजूरें, छुआरे या कोई और मीठी चीज़ जो मयस्सर हो खाना। निगाह नीचे किए बाअदब और पुर वकार तरीके से ईदगाह जाना। ईद-उल-फित्र में ईदगाह तकबीर तशरीक आहिस्ता पढ़ते हुए जाना। ईद की नमाज़ खुले मैदान या ईदगाह में पढ़ना। ईद के दिन अपने आस पड़ोस के गरीबों जरूरतमंदों का खुसूसी खयाल रखना। जरूरतमंदों की मदद करना। नमाज़े पंजगाना की खास तौर पर पाबंदी करना और तमाम तरह के गुनाहों से बचना और नेकी के कामों में ये दिन गुजारना।
बेलाल मस्जिद अलहदादपुर के इमाम कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि इस्लाम धर्म में सिनेमा, नाच-गाना नाजायज़ व हराम है। अक्सर देखने में आता है कि माह-ए-रमज़ान के खत्म होने के बाद सिनेमा हॉलों में मुस्लिम समाज से काफी नौजवान जुटते हैं। फिल्मों के टिकट की एडवांस बुकिंग करवाते हैं। इन सारे कामों की इजाजत दीन-ए-इस्लाम नहीं देता है। इन हरकतों से माह-ए-रमज़ान के सारे सवाब बर्बाद हो जाते हैं। इन सब खुराफातों से आप खुद भी बचें और अपने परिवार, पास-पड़ोस व दोस्त अहबाब को बचाएं। फिल्म देखने में खर्च की जानें वाली रकम गरीबों, यतीमों, बेवाओं, बेसहारों पर खर्च करें। माह-ए-रमज़ान आपको दीनदार, परहेजगार व अल्लाह का फरमाबरदार बनाने के लिए आया है। फिल्में देखकर आप शैतान की फरमाबरदारी न करें।
काजी की इजाजत से ईदगाह या मस्जिद में दो बार ईद की नमाज़ हो सकती है : उलमा किराम
उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्पलाइन नंबर पर सोमवार को ईद की नमाज़, रोज़ा, जकात, सदका-ए-फित्र आदि के बारे में सवाल आते रहे। उलमा किराम ने शरीअत की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : एक ही ईदगाह या मस्जिद में दो बार ईद की नमाज़ अदा करना कैसा? (सैयद नदीम अहमद, सूरजकुंड)
जवाब : आम हालात में ऐसा करना मकरुह है। अलबत्ता किसी खास सूरत-ए-हाल में शहर के काजी या सबसे बड़े सहीहुल अकीदा आलिम जिसके तरफ लोग शरअ के मसाइल में रूजू करते हों उसकी इजाज़त लेकर कायम की जा सकती है। (मुफ्ती मेराज)
2. सवाल : जिस शख़्स की ईद की नमाज़ छूट जाए वो क्या करे रहनुमाई फरमाएं? (सैयद हुसैन अहमद, सूर्य विहार)
जवाब : दूसरी मस्जिद या ईदगाह में जहां जमात मिल सकती हो जाकर पढ़े। अगर कहीं जमात न मिली तो बहर सूरत तन्हा नमाज़े ईद नहीं पढ़ सकता। अब आइंदा ऐसी सुस्ती से बचे व तौबा इस्तिग्फार करे। और उसके लिए बेहतर है कि चार रकात नमाज़े चाश्त पढ़ ले। (मुफ्ती अजहर)
ग्राम प्रधान रामेश्वर दुबे ने किया भव्य स्वागत भाजपा प्रत्याशी सांसद के आगमन पर
मनोज मिश्रा डाबरा समाचार गोरखपुर।। जनपद गोरखपुर तहसील गोला के ग्राम सभा- धौरहरा में लोकसभा बांसगांव सांसद प्रत्याशी बनने के बाद दिन- रविवार को कमलेश पासवान के आगमन पर ग्राम प्रधान-रामेश्वर दुबे धौरहरा के नेतृत्व में काफी लोगों ने माला फूल से स्वागत किया भाजपा प्रत्याशी- कमलेश पासवान का भव्य स्वागत किया। सर्वप्रथम भाजपा प्रत्याशी […]