कोतवाली गोरखपुर
”गिरते हैं शह सवार मैदाने जंग में, वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले,,
यह घटना 1857 स्वाधीनता संग्राम सेनानी क्रांतिवीर शहीद सरदार अली खान की है यह घटना उस समय की है जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी की बेंड़िया उखाड़ फेंकने के लिए उठ खड़ा हुआ था तो उस समय शहीद सरदार अली खान ने सन 1857 में स्वाधीनता संग्राम में भाग लेकर अंग्रेजों से इस देश को आजाद कराने के लिए तमाम अंग्रेजों को मौत के घाट उतार कर देश को स्वतंत्र कराने हेतु हुए संघर्ष में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया शहीद सरदार अली खान गोरखपुर की महान स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे आर, सी,मजमुदार की पुस्तक´ द सिपाही म्यूटनी एंड द रिवोल्ट इन यू पी, के अनुसार सन 1857 के महासंग्राम के समय सरदार अली खान ने तत्कालीन रिसालदार गोरखपुर ने अपने परिवार व सिपाहियों के साथ तमाम अंग्रेजों का कत्ल करा दिया और उनको गोरखपुर छोड़ने पर मजबूर कर दिया |
पुनः 1858 मैं अंग्रेजों द्वारा पैर पसारने पर वह सत्ता स्थापित करने पर पुरस्कार एवं दंड नीति का पालन किया |जिसमें सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को पेड़ों से लटका कर मौत के घाट उतार दिया | सरदार अली खान जो अवध के रिसालदार और जमीदार थे उनको भी पूरे परिवार सहित अंग्रेजों द्वारा चलाए गए दंड एवं पुरस्कार नीति के तहत मौत के घाट उतार दिया गया और उनकी भव्य भवन को ध्वस्त कर गोरखपुर में कोतवाली के नाम से थाना स्थापित किया गया, जो आज भी थाना कोतवाली के नाम से मशहूर है इस परिसर में आज भी दक्षिण पूर्व में शहीद सरदार अली खान के साथ अन्य तमाम स्वतंत्रता सेनानियों की कब्र बनी हुई है जो आज भी हमें प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद दिलाती है जिन्होंने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया लेकिन गुलामी की बेड़ियां पसंद नहीं किया| बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कब्र पर देखरेख का अभाव होने के कारण तमाम जानवर इन कब्रों पर टहलते हुए नजर आते हैं |
हर साल गोरखपुर के मियाँ साहब के द्वारा इनकी मजार पर फातिहा पढ़ने का दस्तूर चलता चला आ रहा है मुहर्रम के समय इमामबाड़े से जब मियां साहब का जुलूस निकलता है तो इस स्वतंत्रता सेनानी के मजार पर मियां साहब और तमाम दिगर लोगों द्वारा फातिहा पढ़ा जाता है |
गुठनी के देवरिया में वृद्ध को मारी गोली अपराधियों मौके से फरार
गुठनी (सीवान)। गुठनी थाना क्षेत्र के देवरिया गांव में सोमवार की देर रात में वृद्ध की गोली मार कर हत्या कर दी गई। वही मृतक देवरिया गांव निवासी 57 वर्षीय लखन राजभर है। परिजनों को इसकी जानकारी तब हुई जब उसे वे जगाने के लिए पास पहुंचे। जहां खून से लथपथ हालत में शव को […]