राहुल गांधी ने न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं के लिए अंग्रेजों को दोष नहीं दिया लेकिन बीजेपी हमे दोष देती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं के लिए अंग्रेजों को दोष नहीं दिया, लेकिन बीजेपी और आरएसएस के लोग भविष्य देखने में असक्षम हैं। अगर आप उनसे पूछोगे कि रेल हादसा क्यों हुआ तो वो कहेंगे कि कांग्रेस ने 50 साल पहले ऐसा किया था इसलिए ऐसा हुआ। राहुल गांधी ने केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “बीजेपी के लोग हमेशा कार चलाते समय पीछे का शीशा देखते हैं, तो एक्सीडेंट तो होगा ही।”
ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल-ट्रेन हादसे में आधिकारिक मौत का आंकड़ा 275 है। जबकि, 1000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इसमें भी कईयों की हालत बेहद गंभीर है। यह कहना गलत नहीं कि आजादी के बाद के सबसे भयावह रेल हादसों में यह एक है। इस हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले खड़ी मालगाड़ी से टकराई फिर दूसरी दिशा से आ रही अन्य यात्री ट्रेन से टकराई। इसमें कोरोमंडल एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गई और सैकड़ों में लोग मारे गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के न्यूयॉर्क में रेल हादसे पर केंद्र पर सवाल उठाने से नहीं चूके।
पीछे का शीशा देखकर कार चलाती है बीजेपी
राहुल गांधी ने न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों को अपने संबोधन में कहा, “अब इसके बारे में सोचें। आप में से कई लोग कार चलाना जानते होंगे। कल्पना करें कि यदि आपने केवल पीछे का शीशा देखकर कार चला रहे हैं तो हादसा तो होगा ही। ये हाल बीजेपी का भी है। बीजेपी और आरएसएस वाले भविष्य देखने में असक्षम हैं। वे हमेशा अतीत की बात करते हैं और दूसरों पर दोष मढ़ते हैं।”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि हमने अपने कार्यकाल में कभी अंग्रेजों पर दोष नहीं मढ़ा, लेकिन अगर आप बीजेपी और आरएसएस वालों से पूछोगे कि रेल हादसा क्यों हुआ? तो वे लोग कहेंगे कि कांग्रेस ने 50 साल पहले ऐसा किया था, इसलिए ऐसा हुआ।
‘महात्मा गांधी और गोडसे के बीच लड़ाई’
कांग्रेस और भाजपा-आरएसएस के बीच वैचारिक लड़ाई के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच की लड़ाई की तरह है। “एक तरफ, आपके पास महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ, आपके पास नाथूराम गोडसे हैं। यह लड़ाई का वर्णन करने का सबसे सटीक तरीका है। एक तरफ आप जैसा मजबूत एनआरआई और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे – हिंसक , गुस्से में, अपने जीवन की वास्तविकता का सामना करने में असमर्थ। गांधी को गोली मारने का कारण यह था कि वह अपने जीवन का सामना नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्हें अपना गुस्सा किसी पर उतारना पड़ा।”
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