मनोज मिश्रा संवाददाता डाबरा समाचार कांटेक्ट नंबर🙏9956535149: गोरखपुर जनपद के चिल्लूपार क्षेत्र के मदरिया सिद्ध पीठ पर चल रहे हनुमान कथा, सभी देवी देवताओं के पूजन के लिए विधि विधान की जरूरत है परंतु हनुमानजी का पूजन करने के लिए किसी विधि विधान की आवश्यकता नहीं है। जो हनुमान चालीसा का पाठ कर ले, वह सिद्ध हो जाएगा। इसके लिए कोई नियम नहीं है। हनुमान चालीसा का पाठ कभी भी किसी परिस्थितियों में किया जा सकता है। हनुमानजी ऐसे देवता हैं, जिनका दरवाजा कभी बंद नहीं होता है। जहां भी हनुमानजी को खोजोगे, हनुमानजी वहां मिल जाएंगे। चौबीस घंटे सुबह दोपहर शाम कभी भी जब समय मिले, हनुमान चालीसा का पाठ कर लेना चाहिए। हनुमानजी ने सारा जीवन जानकी जी की सेवा में लगा दिया। जब समय मिले पुरुष एवं महिलाएं भी उनका जाप कभी भी कर सकती हैं।
यह बातें कथा व्यास संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा। मदरिया सिद्ध पीठ पर चल रहे सप्तदिवसीय हनुमत महायज्ञ व हनुमत कथा अमृत वर्षा में सोमवार को दुसरे दिन उपस्थित श्रोताओं को कथा का रसपान करा रहे थे। कहा कि अनुष्ठान खंडित होते हैं लेकिन पूजा पाठ कभी खंडित नहीं होता है। पूजा करते समय अगर कोई आ जाए तो वहीं पर रूक जाएं।जब वह चला जाए तो पुनः फिर वहीं से पूजा शुरू कर दें। प्रतिदिन हनुमानजी का दिन है। मंगलवार शनिवार इसलिए है कि अगर रोज समय न मिले तो मंगलवार व शनिवार को हनुमानजी का पूजन हनुमान चालीसा पाठ कर लेना चाहिए। हनुमानजी की भक्ति से आपको जो चाहिए सब मिल जाएगा। आप जिस भी देवता को आराध्य मानते हैं अगर हनुमानजी की शरण में हैं तो हनुमानजी उस देवता को आपके सामने लाकर खड़ा कर देते हैं। भगवान सब में हैं। भगवान की पूजा सेवा भाव करने का सबका अधिकार है। जो वानरों को भी हृदय से लगा ले उनसे मित्रता कर ले वह ही हनुमान हैं। भगवान से प्रेम करो भगवान आपकी सारी इच्छाओं को पूर्ण करेंगे। कहा कि हनुमानजी का सिद्ध मंत्र हनुमान चालीसा है। जो चालीस मंत्रों का ग्रंथ है। हनुमानजी को सिद्ध करने का तंत्र हनुमान चालीसा है। हनुमानजी का पूजन पाठ करने के लिए किसी नियम कानून की आवश्यकता नहीं है। हनुमान चालीसा पाठ में उनके स्वरूप व स्वभाव का चित्रण है। अयोध्या, मथुरा, द्वारिका सभी जगहों पर परिवर्तन हुआ है लेकिन किष्किंधा में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। किष्किंधा में सब कुछ त्रेता युग जैसे जस का तस है। भगवान की प्रतिमा देखकर मनुष्य के मन का मैल दूर हो जाता है। जीव को भगवान से मित्रता करनी पड़ती है। मनुष्य का दुर्गुण है कि मनुष्य रिश्ता नहीं निभा पाता है। भगवान एक बार जिसकी मित्रता स्वीकार कर लेते हैं उसे हमेशा निभाते हैं। जो जगत के मोह को छोड़कर भगवान के शरण में आ जाता है भगवान उसे उठाकर अपने गोद में बैठा लेते हैं। अंत में पूर्व विधायक विनयशंकर तिवारी, ब्लाक प्रमुख आशीष राय, कामेश्वर सिंह, विशेश्वर सिंह, दिवाकर शुक्ल, जवाहर शुक्ल, नागेंद्र नायक, ग्राम सभा रजौली प्रधान प्रतिनिधि- देवप्रकाश शुक्ल, अध्यापक- हरे कृष्ण दुबे, पत्रकार- विवेक शुक्ल, युवा नेता- रोहित मिश्र, मोनू तिवारी इंद्रेश दुबे,कृष्णकुमार मिश्र, हरपाल नगवानी, धर्मेंद्र शुक्ल, हरिगोविंद यादव, रतनप्रकाश दुबे, संपूर्णानंद शुक्ल, सतीश शर्मा, मधूसूदन शुक्ल, बृजेश मिश्र,पवन मिश्र आदि ने आरती कर प्रसाद वितरण कराया।
गोरखपुर जिला के चिल्लूपार में मिला 1100 करोड़ का सौगात- राजेश त्रिपाठी
मनोज मिश्रा संवाददाता डाबरा समाचार गोरखपुर ।। गोरखपुर में आज केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ महराज के साथ मिल कर चिल्लुपार को 1100 करोड़ रुपये की बड़ी सौगात दी है जिसके लिए चिल्लुपार का प्रत्येक नागरिक गडकरी व मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करत रहा है । उक्त आशय […]