इमरान खान पर तोशाखाना मामले में आरोप तय होने के बाद उन्हें बीते साल पाकिस्तान की नेशनल असेंबली से हटा दिया गया था। उनकी सदस्यता चली गई थी और फिर पीटीआई के अन्य सभी सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मंगलवार को इमरान खान को जमीन घोटाले के एक मामले में अरेस्ट कर लिया गया और जेल भेज दिया गया है। लेकिन इमरान खान के लिए मुसीबत यहीं खत्म होती नहीं दिख रही है। अब उन्हें पार्टी की सत्ता से भी बेदखल किया जा सकता है। इसके लिए अदालत में याचिका दायर की गई है और लाहौर हाई कोर्ट इन पर सुनवाई के लिए तैयार भी हो गया है।
हाई कोर्ट के जस्टिस आबिद हुसैन ने इमरान को पीटीआई अध्यक्ष पद से हटाने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। इन दो याचिकाओं में से एक को वकील मुहम्मद अफाक ने दायर किया है। हालांकि याची ने सुनवाई कर रहे जज से यह भी मांग की है कि इस अर्जी को चीफ जस्टिस के समक्ष रखा जाए और वही तय करेंगे कि इस पर कौन सुनवाई करेगा। इसकी वजह यह है कि मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस आबिद हुसैन एक दौर में पीटीआई के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। इमरान खान के खिलाफ दायर अर्जी में कहा गया है कि तोशाखाना केस में आरोप तय होने के बाद उन्हें नेशनल असेंबली से बर्खास्त कर दिया गया था।
लेकिन इतना ही काफी नहीं है। भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसा एक नेता किसी पार्टी का चेयरमैन भी नहीं हो सकता। इसके लिए याची ने पाकिस्तान के जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं का भी जिक्र किया। याची ने कहा कि पीटीआई चेयरमैन बने रहकर इमरान खान कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। बता दें कि जेल में रहने के दौरान भी इमरान खान पार्टी के चेयरमैन बने रहेंगे, लेकिन कामकाज एक 6 सदस्यों की टीम संभालेगी। इमरान खान ने इस बात का ऐलान एक वीडियो संदेश के जरिए किया है, जिसे काफी पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया था।
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