जून-जुलाई के दौरान शिंदे की अगुवाई में करीब 40 विधायक उद्धव से अलग हो गए थे। इसके बाद करीब 13 सांसदों ने भी उद्धव का साथ छोड़ दिया था। लंबी खींचतान के बाद राज्य में शिंदे-भाजपा की सरकार बनी।
भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया है कि राज्य में सुप्रिया सुले को मुख्यमंत्री और आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम बनाने का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि इसी के चलते शिवसेना विधायकों ने हंगामा किया था। बीते साल जून-जुलाई में शिवसेना विधायकों ने बगावत कर दी थी और करीब 40 से ज्यादा विधायक एकनाथ शिंदे के साथ अलग हो गए थे। नतीजा यह हु्आ कि शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी।
एक कार्यक्रम के दौरान बावनकुले ने कथित डील के बारे में बताया। भाजपा नेता के अनुसार, तय हुआ था कि उद्धव ठाकरे 5 सालों तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे और 2024 में सुप्रिया सुले सीएम और आदित्य उपमुख्यमंत्री बनेंगे। बावनकुले ने दावा किया कि इसके लिए शिवसेना के कम विधायक चुने जाने की बात भी तय की गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे में शिवसेना के विधायक भड़क गए थे।
NCP का 100 विधायकों का लक्ष्य?
बावनकुले ने बताया कि एमवीए में शामिल वरिष्ठ नेता शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने 100 विधायकों का लक्ष्य रखा था। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद उद्धव मंत्रालय तक नहीं जा रहे थे और उनके पास पेन भी नहीं था। इधर, तत्कालीन डिप्टी सीएम अजित पवार मंत्रालय में काम कर रहे थे। भाजपा नेता के अनुसार, एनसीपी के लक्ष्य के चलते शिवसेना विधायकों को चुने जाने का डर सताने लगा था और इसलिए उन्होंने उद्धव को छोड़ दिया।
2022 की बगावत
जून-जुलाई के दौरान शिंदे की अगुवाई में करीब 40 विधायक उद्धव से अलग हो गए थे। इसके बाद करीब 13 सांसदों ने भी उद्धव का साथ छोड़ दिया था। लंबी खींचतान के बाद राज्य में शिंदे-भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग यानी ECI और सुप्रीम कोर्ट तक ‘असली शिवसेना’ की लड़ाई पहुंच गई थी।
चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी थी। वहीं, उद्धव ने पार्टी का नाम बदलकर शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) रख लिया था।
उद्धव धड़े की नेता मनीषा कायंदे शिंदे नीत शिवसेना में शामिल हुईं
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता एवं विधान पार्षद मनीषा कायंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में रविवार को शामिल हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी मामलों पर प्रतिक्रिया जानने के लिए उद्धव ठाकरे पहुंच से बाहर हैं। कायंदे ने यह भी दावा किया कि ठाकरे गुट में महिलाओं से पैसे मांगे जाते हैं। पिछले दो दिनों में ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के लिए यह दूसरा झटका है। एक दिन पहले वरिष्ठ नेता शिशिर शिंदे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
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