राम मंदिर निर्माण दिसम्बर तक पूरा कर लेने के लक्ष्य को लेकर कार्यदाई एजेंसियों ने निर्धारित कामों की गति बढ़ा दी है। इस रफ्तार को अधिक बढ़ाने के लिए कुशल व अकुशल श्रमिकों की सबसे बड़ी जरूरत है।
राम मंदिर का निर्माण दिसम्बर के पहले – पहले पूरा कर लेने के लक्ष्य को लेकर कार्यदाई एजेंसियों ने अपने-अपने निर्धारित कामों की गति बढ़ा दी है। इस रफ्तार को अधिक बढ़ाने के लिए कुशल व अकुशल श्रमिकों की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके चलते श्रमिकों की भर्ती का अभियान चलाया गया है। सभी एजेंसियों ने लेबर सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को आपूर्ति का संदेश भेज दिया। इस संदेश के बाद यहां श्रमिक भर्ती अभियान शुरू हो गया है।
यहां प्रतिदिन पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर व अम्बेडकर नगर समेत अन्य से अलग-अलग जत्थों में सैकड़ों की संख्या में श्रमिक लिए जा रहे हैं। इसके चलते सुबह आठ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक वेद मंदिर से लेकर कोटेश्वर नाथ महादेव मंदिर के बीच इनकी भीड़ देखी जा सकती है।
दुर्जनपुर गोण्डा के एक भेंट बब्बू मिश्रा शनिवार को यहां डेढ़ दर्जन श्रमिकों को लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह सभी श्रमिक राम मंदिर के अलावा श्रीरामजन्म भूमि परिसर में निर्माणाधीन परियोजनाओं में दी गयी जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगे। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के आधार कार्ड वह अपने ठेकेदार को भेजेंगे तो वह सम्बन्धित कंपनी का निर्धारित फार्म भेजेंगे। उस फार्म को भरने की औपचारिकता के बाद परिसर के अंदर प्रवेश के लिए पास जारी होगा तभी इन श्रमिकों को प्रवेश मिलेगा। पास की जांच और फोटो पहचान कर ही सुरक्षा कर्मियों को अनुमति दी जाती है।
रामजन्म भूमि परिसर में श्रमिकों की संख्या तीन हजार के करीब पहुंची
राम मंदिर निर्माण के अलावा परिसर में निर्माणाधीन परकोटा, कुबेर नवरत्न टीला का विकास, मंदिर की लाइटिंग व सीसीटीवी कैमरे की वायरिंग, विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट व वाटर सप्लाई लाइन विस्तार समेत अन्य कामों को मिलाकर यहां श्रमिकों की संख्या तीन हजार के करीब पहुंच गयी है।
सुबह की पाली में ड्यूटी जाते व सायं ड्यूटी खत्म होने के अलावा दोपहर लंच टाइम में वेद मंदिर से लेकर तीर्थ क्षेत्र के आवासीय कार्यालय की रोड पर ऐसा लगता है मानो बड़ी प्रोडक्शन कंपनी के कर्मचारियों की रैली निकल रही है। उधर यहां चल रहे श्रमिक भर्ती अभियान के बीच किराए पर कमरा लेने की भी मारामारी है। यह श्रमिक रामजन्म भूमि के निकटवर्ती क्षेत्र में कमरा तलाश रहे हैं। इससे आजिज स्थानीय नागरिकों ने अपने दरवाजे पर कमरा खाली नहीं का पोस्टर चिपका दिया है।
तीर्थ क्षेत्र की भूमि पर बनाया गया बाइक व साइकिल स्टैंड
श्रीरामजन्म भूमि परिसर में हजारों की संख्या में कार्यरत श्रमिकों के वाहनों यानि उनकी बाइक व साइकिलों को सुरक्षित रखवाने के लिए उनवल मंदिर बैरियर के निकट स्थित त्रिदंडदेव संस्कृत महाविद्यालय के पूरब श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण हटवा कर पार्किंग स्थल बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त कौशलेश सदन के निकट नजूल भूमि पर भी पार्किंग स्थल बनाया गया है। इन्हीं पार्किंग स्थल पर श्रमिकों के बाइकों व साइकिलों को सुरक्षित रखवाया था रहा है। उधर परिसर में कार्यरत अलग-अलग श्रेणी के कर्मचारियों की पहचान उन्हें उपलब्ध कराए कोट से होती है। लाल कोट श्रमिकों के लिए, नीली श्रमिकों के सुपरवाइजरों की है। इसी तरह सफेद कार्यरत इंजीनियरिंग विभाग के अभियंताओं की है।
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