नए संसद भवन में जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी भावुक नजर आए। उन्होंने सोमवार को कहा कि एक प्लेटफॉर्म पर रहने वाला भी संसद पहुंच गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है और हम सभी की यह साझा विरासत है।
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज यह पुराने भवन में आखिरी दिन है। कल से हम नए संसद भवन में शिफ्ट होंगे और नई शुरुआत होगी। लेकिन यह भवन हमारे लिए साझी विरासत रहा है और तमाम प्रेरक पल यहां से जुड़े रहे हैं। पीएम मोदी इस दौरान भावुक भी नजर आए और कहा कि इसी संसद भवन से हमारी तमाम यादें भी जुड़ी हैं, जो झकझोर देती हैं। उन्होंने अपनी जीवन यात्रा का भी इस दौरान जिक्र किया और कहा कि प्लेटफॉर्म पर रहने वाला एक शख्स संसद तक पहुंच गया।
पीएम मोदी ने कहा, जब मैं पहली बार सांसद के रूप में इस भवन में आया, तो सफल रूप से मैंने इस संसद भवन की पटल पर अपना सिर झुकाकर आया था। इस लोकतंत्र के मंदिर में श्रद्धाभाव से मैंने कदम रखा था। भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेल प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब करने वाला संसद पहुंच गया। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा। उन्होंने कहा कि इस भवन को बनाने का फैसला भले ही अंग्रेजी हुकूमत का था, लेकिन इसके निर्माण में परिश्रम और पैसा देश के लोगों का ही लगा था। इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने हमें कई यादें दी हैं। भले ही हम नए भवन में जा रहे हैं, लेकिन यह भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
पुराने भवन की यादों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना भावुक पल है। परिवार भी पुराना घर छोड़कर जब नए में जाता है तो बहुत सी यादें उसे झकझोर देती हैं। हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन भी उन भावनाओं से भरा हुआ है। खट्टे-मीठे अनुभव भी रहे हैं। यह हम सभी की साझी विरासत है और इसलिए इसका गौरव भी साझा है। आजाद भारत के नव-निर्माण से जुड़ी हुई अनेक घटनाओं को हमने इसी सदन में आकार लेते हुए देखा था। आज जब हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो बहुत सी घटनाएं हैं, जो याद आती हैं।
चंद्रयान-3 और जी-20 का भी किया जिक्र, दुनिया हमें मानती है मित्र देश
उन्होंने कहा कि आज भारत की चर्चा पूरे विश्व में होती है। हमें चंद्रयान-3 ने गौरवान्वित किया है। मैं इस सदन से देश के वैज्ञानिकों को बधाइयां देता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं। जी-20 की सफलता भी देश के लिए अहम है। यह भारत के 140 करोड़ लोगों की सफलता है। भारत में 60 स्थानों में 200 से ज्यादा समिट कराई गईं। अलग-अलग सरकारों ने पूरी शान से आयोजन किए। इसकी छाप पूरी दुनिया पर पड़ी है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। भारत इस बात पर गर्व करेगा कि हमारी अध्यक्षता के दौर में अफ्रीकन यूनियन इसका सदस्य बना। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत विश्व मित्र के रूप में उभरा है। पूरी दुनिया आज भारत में एक मित्र देख रही है।
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