मदीना मस्जिद में मनाया गया हाफिजे मिल्लत का उर्स-ए-पाक
गोरखपुर। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में गुरुवार को दीनी शिक्षा के क्षेत्र में अलग पहचान रखने वाली शिक्षण संस्था अल जामियतुल अशरफिया के संस्थापक हाफिजे मिल्लत हजरत शाह अब्दुल अजीज अलैहिर्रहमां का 49वां उर्स-ए-पाक अदब व एहतराम के साथ मनाया गया।
मस्जिद के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि हाफिजे मिल्लत ने पूरी ज़िंदगी अल्लाह, रसूल व इंसानों की सेवा में गुजार कर दीन और दुनिया दोनों में अपना नाम रोशन कर लिया। आपका पैग़ाम था कि ” जमीन के ऊपर काम, जमीन के नीचे आराम” यानी जब तक इंसान ज़िंदा रहे मजहब, मुल्क व इंसानियत की सेवा कर नेक अमल करता रहे ताकि मौत के बाद कब्र में चैन व सुकून हासिल हो सके।
मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में कारी मो. अनस रजवी, हाफिज सैफ अली व हाफिज अशरफ रजा ने कहा कि हाफिजे मिल्लत ने कौम की दीनी और दुनियावी रहनुमाई की। मदरसा मिस्बाहुल उलूम को अल जामियतुल अशरफिया का रूप दिया। आपने इत्तेहाद व इत्तेहाफ का संदेश दिया, ताकि पूरी दुनिया में इत्तेहाद व इत्तेफाक का माहौल बने और अमन शांति कायम हो सके। हाफिजे मिल्लत 20वीं सदी की अज़ीम शख्सियत थे। उन्होंने तालीम व तरबीयत (संस्कार) के मैदान में बड़ा कारनामा अंजाम दिया। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन व सलामती की दुआ मांगी गई।
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