सैनिक स्कूल में इसी सत्र से पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में बढ़े सरकार के कदम
गोरखपुर के सैनिक स्कूल के संचालन के लिए बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान
गोरखपुर। सैनिक स्कूल के संचालन के लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान कर आसन्न सत्र से पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। सैनिक स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं। जो भी काम शेष हैं, उन्हें इसी फरवरी माह में पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री गत माह ही यहां निरीक्षण करने के दौरान दे चुके हैं।
*50 एकड़ के परिसर में 150 करोड़ की लागत से बन रहा ये स्कूल*
गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 50 एकड़ भूमि पर विस्तृत है। डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला बना है। यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे। साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के जाबांजों के नाम पर किया जाएगा । सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं या हो रहे हैं। गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है।
*बदलेगी गोरखपुर की पहचान*
अस्सी और नब्बे के दशक में गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है।इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में होगा। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है।सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखे। कारण, किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।
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