जानकारी के मुताबिक स्टेशन पर सिग्नल न मिलने के वजह से यह हादसा हुआ था। कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन पर जाने का सिग्नल था। लेकिन वह मेन लाइन पर जाने के बजाए लूप लाइन पर गयी, जहां मालगाड़ी खड़ी थी।
ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे की असली वजह सामने आ गई है। शुरुआती जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला पूरी तरह से मानव गलती से जुड़ा हुआ है। इसके मुताबिक सिग्नल देने में हुई चूक के चलते 261 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। बता दें कि शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर हो गई। हादसे में 261 लोगों की जान चली गई, वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब सात बजे हुआ यह हादसा भारतीय रेल इतिहास का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है।
ऐसे हुआ हादसा
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक बहानगा बाजार स्टेशन पर सिग्नलिंग को लेकर मानव गलती इस हादसे की असल वजह थी। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद चार वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने हादसे को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है गौर से निरीक्षण करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन के लिए सिग्नल दिया गया। हालांकि तुरंत बाद ही सिग्नल वापस ले लिया गया। कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन पर जाने का सिग्नल था। लेकिन वह मेन लाइन पर जाने के बजाए लूप लाइन पर चली गयी। लूप लाइन पर पहले से मालगाड़ी खड़ी होने से हादसा हो गया। फिर ट्रेन पलटी तो दूसरे ट्रैक पर डिब्बे आ गिरे। बाद में इसी ट्रैक पर यशवंतपुर एक्सप्रेस आकर भिड़ गई। दो पेज की हाथ से लिखी यह रिपोर्ट वरिष्ठ रेल अधिकारियों, जेएन सुबुधि, आरके बनर्जी, आरके पंजीरा और एके मोहंतू ने तैयार की है। यह रिपोर्ट शनिवार को जमा की गई।
यहां नहीं था स्टॉपेज
रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को पास कराने के लिए लूप लाइन होती हैं। बहानगा बाजार स्टेशन पर चार ट्रैक हैं। एक लूप ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी थी। दो मुख्य लाइनों पर आमने-सामने से दो ट्रेनों को पास करना था। मेन लाइन अप से कोरोमंडल एक्सप्रेस गुजर रही थी। दूसरी तरफ डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस जा रही थी। चूंकि दोनों ही ट्रेनों को इस स्टेशन पर रुकना नहीं था, इसलिए दोनों पूरी रफ्तार से गुजर रही थीं।
ऐसी भी है आशंका
बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई। पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से टकरा गए। इसी समय वहां की डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी। ऐसे में इस ट्रेन के पीछे के डिब्बे पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गई। एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि स्टेशन मैनेजर के ऑफिस में रखे सिग्नल पैनल के मुताबिक मालगाड़ी को लूप लाइन में खड़ा किया गया था। ऐसे में इस बात की आशंका है कि मालगाड़ी के पीछे की कुछ बोगियां मेन लाइन पर रह गई हों और करीब 127 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस इसकी चपेट में आ गई हो।
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